
क्या आंखें सपनों में चीजों को देखती हैं?
September 1, 2015, 11:24 AM
आप चुपचाप, बगैर हिले-डुले सो रहे हैं मगर आपकी आंखें लगातार हरकत कर रही हैं। ऐसी नींद को त्वरित नेत्र गति यानी रैपिड आई मूवमेंट (आर
September 1, 2015, 11:27 AM
आजकल भारत और दुनिया भर में स्मार्ट सिटी की बातें चल रही हैं। दुनिया भर के शहर ऐसी टेक्नॉलॉजी अपनाने पर आमादा हैं जिनकी मदद से सेवाओं को स्व-चालित बनाया जा सके। जैसे ट्रॉफिक कंट्रोल या सड़क पर रोशनी की व्यवस्था। इस संदर्भ में यह सवाल उठने लगा है कि ऐसे शहरों पर सायबर हमले से बचने के क्या इन्तजाम किए जा रहे हैं। ये सवाल सुरक्षा सम्बंधी शोधकर्ता उठा रहे हैं जिन्होंने कंप्यूटर चालित व्यवस्थाओं में सेंध लगाने की कोशिश की है ताकि इनकी सुरक्षा को जांचा जा सके। इनमें एटीएम से लेकर पॉवर ग्रिड तक शामिल हैं। ऐसे ही एक शोधकर्ता हैं सिएटल की सुरक्षा सलाहकार कंपनी आईओ एक्टिव लैब्स के सेसार सेरुडो। जब उन्होंने देखा कि हैकर्स ने कितनी आसानी से एक शहर के ट्राफिक लाइट्स को अपनी मर्जी से संचालित करने में सफलता पा ली है, तो उनके कान खड़े हो गए। जांच करने पर पता चला कि इन उपकरणों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि यह पता चल सके कि जो आदेश आ रहा है वह सही स्रोत से ही आ रहा है। यानी इनमें कोई भी व्यक्ति आंकड़े डालकर इन्हें अपने मनमाफिक ढंग से चला सकता है। सेरुडो इतने चौंक गए कि उन्होंने सीक्योङ्क्षरग स्मार्ट सिटी पहल का गठन किया। उन्होंने पाया कि नगरीय अधिकारी किसी टेक्नॉलॉजी का आकलन करते वक्त मात्र यह देखते हैं कि वह क्या-क्या काम कर सकती है, वे यह नहीं देखते कि वह कितनी सुरक्षित है। उनका ख्याल है कि हैकर कई स्तरों पर हमला कर सकते हैं। वे अधिकारियों के ईमेल अकाउंट्स से लेकर सड़क पर अंडरग्राउंड कैबल्स तक में घुसपैठ कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि हैकर्स किसी शहर की बिजली सप्लाई पर नियंत्रण स्थापित कर लेते हैं, तो हाल बुरे हो सकते हैं। जैसे अगस्त 2013 में उत्तर-पूर्वी यूएस में बिजली गुल हो गई थी। हालांकि वह घटना किसी बदनीयती से नहीं की गई थी मगर सच्चाई यह है कि वह घटना सॉफ्टवेयर में एक वायरस की वजह से हुई थी। इसका अर्थ है कि हैकर्स किसी वायरस के जरिए ऐसी घटना को अंजाम दे सकते हैं। पानी सप्लाई को भी निशाना बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए पिछले वर्ष देखा गया था कि हैकर्स का एक समूह अमरीका के एक शहर में पानी सप्लाई तंत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। कहने का मतलब यह है कि कुछ लोग इन कमजोरियों का फायदा उठाने से नहीं चूकेंगे। लिहाजा स्मार्ट शहरों के नारे के साथ-साथ स्मार्ट शहरों को सुरक्षित बनाने पर भी विचार होना जरूरी है।
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